लखनऊ,रिपब्लिक समाचार,अमित चावला : विवेकानन्द पॉलीक्लिनिक एवं आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ में प्लास्टिक और क्रैनियोफेशियल सर्जरी विभाग पिछले दो दशकों से स्माइल ट्रेन यू.एस.ए. के सहयोग से कटे होंठ और कटे तालू के बच्चों की निःशुल्क सर्जरी कर रहा है। स्माइल ट्रेन कार्यक्रम के हाल के अभियान में जन्मजात रूप से अक्षम कटे तालु के बच्चों की बोलने की क्षमता में सुधार करने के लिए, पूरे देश में विभिन्न स्माइल ट्रेन इकाइयों के स्पीच थेरेपिस्टों को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए एक राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। 40 से अधिक स्पीच थेरेपिस्ट इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
मुख्य अतिथि स्वामी मुक्तिनाथनन्द ने किया उद्घाटन
कार्यशाला का आयोजन विवेकानन्द पॉलीक्लिनिक एवं आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ के प्लास्टिक और क्रैनियोफेशियल सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. अमित अग्रवाल के मार्गदर्शन में तथा विवेकानन्द अस्पताल में स्माइल ट्रेन प्रोजेक्ट की स्पीच थेरेपिस्ट सुश्री पायल मुखी आहूजा तथा स्माइल ट्रेन प्रोजेक्ट की कार्यक्रम निदेशक डॉ. शीला कोयना के सक्रिय सहयोग से किया जा रहा है।
कार्यशाला का औपचारिक उद्घाटन मुख्य अतिथि स्वामी मुक्तिनाथनन्दजी महाराज, सचिव, रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम, लखनऊ द्वारा किया गया। उन्होंने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि स्माइल ट्रेन परियोजना की स्पीच थेरेपी यूनिट कटे होंठ और तालु के दुर्भाग्यशाली बच्चों को बोलने और उनकी भावनाओं और बुद्धिमत्ता को व्यक्त करने में समर्थता प्रदान करने के साथ-साथ उनके व्यक्तित्व को पुनर्स्थापित करने के लिए अमूल्य सेवाएं प्रदान कर रही है। स्वामीजी ने कहा कि भविष्य में भी इस गतिविधियों को बढ़ाने के लिए वे अपना पूरा सहयोग देंगे।
चेन्नई के स्माइल ट्रेन प्रोजेक्ट के स्पीच थेरेपिस्ट डॉ. बी. सुब्रमण्यम ने कहा कि इस क्षेत्र में कटे होंठ और कटे तालु के बच्चों की बड़ी क्षमता के कारण उनके द्वारा लखनऊ में स्थल का चयन किया गया था। डॉ. शीला कोयना ने इस तरह की कार्यशाला को इतनी सफलतापूर्वक आयोजित करने के लिए विवेकानन्द अस्पताल के प्रशासन को धन्यवाद दिया। डॉ. अमित अग्रवाल ने कार्यक्रम की शुरुआत की, जबकि विवेंकानन्द अस्पताल के डॉ. एस.डी. पाण्डेय ने सभी प्रतिभागियों को प्रोत्साहित किया और सुश्री पायल मुखी आहूजा ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।
कार्यक्रम का समापन चयनित कटे होंठ और कटे तालु के बच्चों को उपहार वितरण और सभी उपस्थित लोगों को जलपान कराकर हुआ।