Republic Samachar- Samarth Singh II आईटी (इसाबेला थोबर्न) कॉलेज लखनऊ के आज 137 वर्ष पूर्ण हो गये. मात्र छह छात्राओं के साथ शुरुआत करने वाले इस कॉलेज में आज चार हज़ार से ज़्यादा छात्राएं पढ़ती हैं। इतनी बड़ी उपलब्धि प्राप्त करने के बाद आज आईटी कॉलेज में संस्थापक दिवस मनाया जाएगा।
आईटी कॉलेज का इतिहास
लखनऊ के सबसे प्रतिष्ठित कालेजों में से एक आईटी कॉलेज की नीव अमेरिकी मेथोडिस्ट मिशनरी इसाबेला थोबर्न ने 18 अप्रैल वर्ष 1870 में रखी थी। इसके ठीक एक साल बाद अमीनाबाद के एक इलाके में आईटी विद्यालय शुरू हुआ जिसमें सिर्फ छह छात्राएं पढ़ती थीं 21 अप्रैल 1886, में यह विद्यालय कॉलेज बना, इसी के साथ यह एशिया में महिलाओं का पहला ईसाई कॉलेज बना।
शुरुआती समय में यह कॉलेज कलकत्ता विश्वविद्यालय से संबद्ध था, बाद में यह कालेज इलाहाबाद विश्वविद्यालय की संबद्धता के अंतर्गत आ गया और लखनऊ विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद आईटी कॉलेज लवि का पहला संबद्ध बना कॉलेज। वर्ष 2011 में इस कॉलेज ने अपनी एक सौ पचीसवीं वर्षगांठ मनाई और इस अवसर पर भारत की पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल मौजूद रहीं।
इस कॉलेज ने दिए भारत को कई अन्मोल रत्न
भारत की पहली महिला आईएएस ईशा बसंत जोशी, राष्ट्रीय महिला आयोग की प्रथम अध्यक्ष मोहिनी गिरी, मशहूर अभिनेत्री बीना राय, प्रसिद्ध वैज्ञानिक सीमा भटनागर, अमेरिकी स्कॉलर नाबीआ अबॉट तथा अन्य बड़ी शख्सियतों ने आईटी कॉलेज से शिक्षा प्राप्त की है।
12 पूर्व छात्राओं को किया जाएगा सम्मानित
आईटी कॉलेज के संस्थापक दिवस के दिन इस कॉलेज के 12 पूर्व छात्राओं को शिक्षा के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय कार्य के लिए सम्मानित किया जाएगा। इस सूची में लखनऊ विश्वविद्यालय के विभिन्न प्रोफेसर और कई स्कूलों की प्रधानाचार्या शामिल हैं। प्रशासन तथा सरकार ने कॉलेज तथा सभी सम्मानित व्यक्तियों को बधाई दी। वर्तमान समय में इस कॉलेज में आर्ट्स, विज्ञान, तथा कॉमर्स के लिए पच्चीस अलग-अलग विभाग हैं।